नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में चीन की सीमा के नजदीक भारत में ब्रहमपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन 26 मई को करेंगे. शुक्रवार को देश का सबसे लंबा धौला-सादिया पुल आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी लोहित नदी पर बना है. प्रधानमंत्री 9.15 किलोमीटर लंबे ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन करेंगे जिससे असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर एक घंटा रह जाएगा.
सामरिक तौर भारत के लिए अहम
सामरिक तौर पर भारत को लगातार घेरने की पूरी कोशिश कर रहे चीन के लिए करारा जवाब है. आपको बता दें कि चीन लगातार सीमा से सटे इलाकों में तेज़ी से सड़कें और अन्य निर्माण कर रहा है यह पुल उसके पलटवार माना जा रहा है. यह पुल 60 टन वजनी युद्धक टैंक का भार भी वहन करने में सक्षम है.
असम और अरुणाचल प्रदेश का देश के लिए अत्यंत सामरिक महत्व है. पुल चीन के साथ भारत की सीमा के करीब है लिहाजा टकराव के समय यह सैनिकों और तोपों की तेजी से आवाजाही में मदद करेगा. पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किलोमीटर दूर और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से 300 किलोमीटर दूर है. चीनी सीमा से हवाई दूरी 100 किलोमीटर से कम है. वर्ष 2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद से पुल के निर्माण में तेजी लाई गई. पुल का उद्घाटन 2015 में होना था.
भारत का सबसे लंबा पुल
ब्रहमपुत्र नदी पर बने 9.15 किलोमीटर लंबे धोला-सादिया पुल के उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री असम के पूर्वी हिस्से से राजग सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न आरंभ करेंगे. इस पुल को चीन भारत सीमा पर, खास तौर पर पूर्वोत्तर में भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा यह पुल अरुणाचल प्रदेश और असम के लोगों के लिए हवाई और रेल संपर्क के अलावा सड़क संपर्क भी आसान बनाएगा. यह मुंबई में बांद्रा-वर्ली समुद्र संपर्क पुल से 3.55 किलोमीटर लंबा है और इस प्रकार यह भारत का सबसे लंबा पुल है.