श्रीनगर : कश्मीर में सोशल मीडिया पर सरकार की ओर से लगाई गई प्रतिबंध के बावजूद विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइटें घाटी में अभी भी चल रही हैं और विभिन्न साइटों पर आतंकियों की तस्वीरें और वीडियोज वायरल हो गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार की ओर फेसबुक, व्यअट्सएप सहित 22 सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद लोग इन साइटों को चला रहे हैं। लोग वी.पी.एन. ऐप डाउनलोड करके 3जी और 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर इन सेवाओं को चला रहे हैं।
सरकार की ओर से घाटी में शांति बहाली के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया वहीं, लोगों ने सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा इन साइटों का इस्तेमाल करना जारी रखा हैं। सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर गत शनिवार को ताजा वीडियो वायरल हो गया जिसमें वरिष्ठ आतंकी 15 आतंकियों के समूह को प्रशिक्षण देते नजर आ रहा है। वह आतंकियोंं के समूह को ए.के.-47 राइफल के इस्तेमाल का प्रदर्शन करते हुए निर्देश जारी करते हुए सुनाई दे रहा है।
यह वीडियो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि इसमें कश्मीरी भाषा में राइफल के इस्तेमाल के बारे में आतंकियों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है। सोमवार शाम तक फेसबुक पर इस वीडियो को 85 हजार से ज्यादा लोगों ने देखा, 2143 लोगों ने सांझा किया और लगभग 1899 प्रतिक्रियाएं मिली। एक अन्य वीडियो में सेना की वर्दी में लगभग 16 आतंकियों को अज्ञात स्थान में बगीचों में से ट्रेकिंग करते देखा जा सकता है। हथियारों से लैस ‘स्कल मास्क’ पहनने 9 आतंकियों को इस्लामिक छंदों वाले एक काले झंडे के सामने खड़े हुए पोस्ट को देखा जा सकता है। आतंकियों के इसी समूह द्वारा फेसबुक और ट्वीटर पर लगभग 13 तस्वीरों के पोस्ट को देखा जा सकता है।
नवीनतम तस्वीरों को गत रविवार को विभिन्न फेसबुक पेजों पर अपलोड किया गया है। इन तस्वीरों में आतंकी संगठन हिजबुल मुझाहिदीन के कमांडर जाकिर मूसा के नाम वाले हैश टैग और दो पंक्तियों वाले विवरण को लिखा गया है।
फेसबुक पर दिये जा रहे सन्देश
फेसबुक पेज, कश्मीर वैली पर किए गए पोस्ट में उसके सहयोगी आतंकियों के साथ त्राल कस्बे की पहाडिय़ों में अल रायत उल तवहीद (काले झंडे) के साए में लिखा गया है कि ‘नो ग्रीन फ्लैग, फ्लाइ ब्लैक फ्लैग, कमांडर जाकिर मूसा। तस्वीरों में आतंकियों के चेहरों पर नकाब है, ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकियों ने उनकी पहचान को छिपाने के लिए अपनी रणनीति को फिर से बदल दिया हैं। इससे पहले आतंकी उनकी तस्वीरों और वीडियो को खुले चेहरों के साथ पोस्ट किया करते थे। यह प्रवृत्ति हिजबुल कमांडर बुरहान वानी जिसको पिछले साल जुलाई में सुरक्षाबलों ने मुठभेड के दौरान मार गिराया था के बाद शुरु हुई थी।
पुलिस का बयान
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिधकारी ने कहा कि इन गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। उन्होने कहा कि हम नजर रखेंगे और वी.पी.एन. के उपयोग की जांच करेंगे।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी कथित रूप से नये भर्ती हुये लडकों को असाल्ट राइफल के इस्तेमाल का प्रशिक्षण के सुझाव देते दिख रहे हैं जिसकी पुलिस जांच कर रही है।