अहमदाबाद :
गुजरात के अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 750 करोड़ रुपये की लागत से बने सरदार वल्लभ भाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया. पीएम नें कहा कि डेढ़ दशक से गुजरात में मेडिकल टूरिज्म भी बढ़ा है. विदेश से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि सरदार साहब के नाम से बना ये अस्पताल स्वास्थ्य़ क्षेत्र को मजबूती देगा. पीएम मोदी ने इस अवसर पर सरकार की आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) की उपलब्धियों को भी बताया. पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में 50 करोड़ गरीब भाइयों और बहनों को यह विश्वास मिला है कि गंभीर बीमारियों की स्थिति में सरकार उनके साथ खड़ी है. उनमें विश्वास जगा है कि बिना पैसे के भी वे उपचार करा सकते हैं. इसकी सफलता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल 100 दिन के अंदर की 7 लाख गरीबों का इस योजना के माध्यम से इलाज संभव हुआ. इस योजना से हर दिन लगभग 10 हजार लोगों को इलाज का सहारा मिल रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले गरीब अपना इलाज नहीं करवाते थे. गरीब परिवार के लोग पीड़ा सहते थे, पर उपचार नहीं करवाते थे, क्योंकि यह संभव नहीं था. आज उन्हें आयुष्मान भारत का सहारा मिला है. सरकार का प्रयास है कि देश के गरीबों को कम से कम कीमत में उत्तम मेडिकल सुविधाएं मिले. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने गांव-गांव तक प्राइमरी हेल्थ केयर सुविधाओं को बेहतर बनाने का बीड़ा उठाया है.
पीएम मोदी ने इस दौरान जेनेरिक दवाओं की भी बात की. पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक देश भर में करीब 5 हजार से ज्यादा जेनेरिक दवाओं के केंद्र खोले जा चुके हैं. इन केंद्रों पर सस्ती दवाएं मिलती हैं, जिनसे हजारों परिवारों को लाभ मिल रहा है. इसके अलावा सर्जरी के सामानों और उसकी दवाइयों की कीमतें भी फिक्स की गई है, ताकी कोई लूट न हो.
क्या है आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना का लक्ष्य खासकर निम्न और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को महंगे मेडिकल बिल से निजात दिलाना है. इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियों को रखा गया है. नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों के ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों के 2.33 परिवारों को शामिल किया गया है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये की कवरेज दी जाएगी और वे सरकारी या निजी अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे. अनुमान के मुताबकि इस योजना के तहत अब देश के करीब 10 हजार अस्पतालों में ढाई लाख से ज्यादा बेड गरीबों के लिए रिजर्व हो जाएंगे.