वॉशिंगटन. अमेरिका अब पाकिस्तान के साथ सख्ती से पेश आने की तैयारी में है। वहां मौजूद आतंकी गुटों के ठिकानों पर हमले भी किए जा सकते हैं। अमेरिकी अफसरों ने इस बात की तरफ इशारा किया है। अफगानिस्तान में लगातार हो रहे आतंकी हमलों की वजह से यह कार्रवाई मुमकिन है। बता दें कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन इस वक्त अफगानिस्तान पर अपनी स्ट्रैटजी का रिव्यू कर रहा है। अफगानिस्तान काे निशाना बनाने वालों पर नजर...
- अमेरिकी ऑफिसर्स ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन पाकिस्तान में एक्टिव आतंकवादी गुटों को खत्म करने के लिए इस्लामाबाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के लिए तैयार है।
- उन्होंने कहा कि अमेरिका का फोकस उन आतंकी गुटों पर है, जो अफगानिस्तान को निशाना बना रहे हैं।
ड्रोन अटैक बढ़ाए जा सकते हैं
- पाकिस्तान से निपटने के लिए ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ड्रोन अटैक बढ़ाने, पाकिस्तान को दिए जा रहे फंड को रोकने और एक मददगार देश के तौर पर इस्लामाबाद को दिए गए दर्जे को घटाने के बारे में सोच रहा है। नाम उजागर न करने की शर्त पर एक अमेरिकी अफसर ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।
अब साफ हो जाएगा PAK से क्या चाहता है US
- एक और अमेरिकी अफसर ने कहा, "पाकिस्तान पर हमारी क्या स्ट्रैटजी हो, इस पर हमने कभी सीरियसली नहीं सोचा। अब हम जो नई स्ट्रैटजी बनाएंगे, उसमें साफतौर पर बताया जाएगा कि हम पाकिस्तान से क्या-क्या चाहते हैं।"
अफसरों को कामयाबी की उम्मीद नहीं
- कुछ अफसरों को अमेरिका की इन कोशिशों के कामयाब होने की उम्मीद नजर नहीं आती। उनका कहना है कि पाकिस्तान अपने यहां एक्टिव आतंकी गुटों को मदद देना बंद करे, इसके लिए अमेरिका पहले भी बहुत कोशिश कर चुका है, लेकिन खास नतीजा नहीं निकला।
- उनका कहना है कि पाकिस्तान के कट्टर विरोधी भारत से अमेरिका के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं, ऐसे में ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन की कोशिशें कामयाब होंगी, इस पर पूरा भरोसा नहीं है।
- अमेरिकी अफसरों ने कहा कि वो पाकिस्तान से बेहतर सहयोग की उम्मीद करते हैं, रिश्ते खत्म करना नहीं चाहते।
- पेंटागन के स्पोक्सपर्सन एडम स्टंप ने भी कहा, "अमेरिका और पाकिस्तान नेशनल सिक्युरिटी से जुड़े मसलों पर एक-दूसरे की मदद करते रहेंगे।"
व्हाइट हाउस का फिलहाल कमेंट करने से इनकार
- ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन 16 साल से अफगानिस्तान में चल रही जंग पर अपनी स्ट्रेटेजी का रिव्यू कर रहा है।
- इस मुद्दे पर अभी व्हाइट हाउस और पेंटागन की ओर से कोई बयान नहीं आया है। उन्होंने रिव्यू पूरा होने से पहले इस पर कोई कमेंट करने से इनकार किया है।